१.आर्यसमाज मेरी धर्म माता है तथा ऋषि दयानन्द मेरे धर्म पिता हैं ‘सत्यार्थ प्रकाश’ का ज्ञान मेरे जीवन में सूर्य के समान है। -लाला लाजपत राय।
२.आर्य समाज ने ब्याज सहित मूल भी वसूल किया,हजारों मलकानों व मेवों की शुद्धि,आर्यसमाज के शुद्धि कार्य में मुख्य स्थान रखती है। -लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल
३.जहां कहीं भी करने योग्य कार्य हैं वहां आर्यसमाज को अनुपस्थित न पाइयेगा। -c.v. चिन्ता मणि
४.आप धर्म में रुढिवादी और राजनीति में पुरोगामी नहीं हो सकते यदि आप मनुष्यों की एकता में विश्वास रखते हैं तो सभी धर्मों का सम्मान करना आवश्यक है,मनुष्यों की सेवा स्वयं एक धर्म है,मुझे आशा है कि आर्य समाज इसी भावना से शिक्षा,समाज और अध्यात्म के क्षेत्रों में अपना कार्यक्रम जारी रखकर राष्ट्र की नींव मजबूत करेगा। -गोविन्द रानाडे
५.आर्यसमाज एक महाक्रान्ति की ज्वाला है। -डेविस
६.आर्य समाज संस्था ने अकेले जितने देशभक्त पैदा किये हैं उतने कोई और नहीं कर सकता। (आर्य समाज को श्रदांजलि अर्पित करते हुए सन् १९७५ ई. में तत्कालीन मुख्यमंत्री-पंजाब ने अम्रतसर में कहा था।)
७.आर्यसमाज वर्तमान हिन्दू विचारधारा का अत्यन्त महत्वपूर्ण और मनोरंजक अध्याय है। -सर हेनरी
८.आर्य समाज हिन्दू धर्म के अतीत गौरव की पुन: स्थापना के लिए प्रयत्नशील आन्दोलन है और राष्ट्रीय जागरण का पौषक है। -श्री के० आर० वम्बास
९.आर्य समाज ने लडकों और लडकियों की शिक्षा, स्त्रियों की दशा के सुधार और दलित कहे जाने वाले भाईयों का सामाजिक स्तर ऊँचा उठाने की दिशा में बहुत अच्छा कार्य किया है। -जवाहर लाल नेहरु (डिस्कवरी आफ इन्डिया में)
१०.आर्य समाज ने हिन्दू समाज में रुढिवाद को नष्ट करके उदारता लाने का जो प्रयास किया वह राष्ट्रीय उत्थान में एक बहुमूल्य देन है। -डा० रामबली पाण्डेय
११.आर्य समाज सामाजिक और शैक्षणिक उन्नति की ऐसी योजना प्रस्तुत करता है जिसके बिना वास्तविक उन्नति सम्भव नहीं। -सर हरबर्ड रिसले
१२.आर्य समाज आन्दोलन का एक ऐसा घोषणा पत्र है जिस पर किसी भी बुद्धिजीवी,न्यायप्रिय,अपक्षपाती व्यक्ति आपत्ति करने का साहस नहीं कर सकता। -एमर्सन
१३.दम्भी और निहित स्वार्थ वर्ग द्वारा उत्पन्न की गयी शताब्दियों से चली आ रही भेदभाव पूर्ण कुरीतियों,कुप्रथाओं और रुढियों की जडें समाज में इतनी गहरी चली गयी हैं कि सन्तों महात्माओं और समाज सुधारकों के निरन्तर प्रयास भी उनके उन्मूलन में सफल नहीं हो पाये हैं,महर्षि दयानन्द संसार के उन महान व्यक्तियों में से थे जिनके द्वारा दिया गया बोध समाज को हमेशा प्रकाश देता रहेगा और आर्य समाज उनके आदेशों,सिद्धातों और उपदेशों का समाज में निरन्तर प्रचार प्रसार करता चला आ रहा है ।इससे सारा देश विषेशकर हिन्दू समाज लाभान्वित हो रहा है। -बाबू जगजीवन राम
१४.मिथ्या ढकोसले को जो हिन्दू कही जाने वाली कौम में विद्यमान थी ऋषि दयानन्द के द्वारा स्थापित आर्य समाज ने उसे नितान्त हटा दिया। -मौ० हसरत मुहवनी
१५.यदि आर्य समाज न होता तो आज देश में ईसाई और मुसलमानों की संख्या ज्यादा होती। – स्वामी विवेकानन्द
१६.मैं आर्य समाज को आदरणीय समझ उसे पूज्य द्रष्टि से देखता हूं। -श्री एन० सी० केलकर
१७.मुझे एक आग दिखाई पडती है जो सर्वत्र फैली हुई है अर्थात् असीम प्रेम की आग जो देश को जलाने वाली है।जो प्रत्येक वस्तु को तपाकर शुद्ध कर रही है।हिन्दू,मुसलमान इस प्रचण्ड अग्नि को बुझाने के लिए दौडे परन्तु यह आग इतने वेग से बढी कि सारा संसार ही इसके प्रकाश से प्रकाशित हो गया जिसमें अन्याय,शोषण,सामाजिक कुरीतियाँ आदि सब जलकर राख हो जायेंगी। -एन्ड्रयूज जैक्सन
१८.आर्य समाज कोरे अध्यात्मवाद और निरे भौतिकवाद दोनों का घोर विरोधी है।वह वैदिक धर्म,वर्ण व्यवस्था,वैदिक आश्रम,वैदिक शिक्षा प्रणाली,वैदिक अर्थनीति,वैदिक राजधर्म की छत्र छाया में आर्य चक्रवर्ती साम्राज्य की स्थापना का आन्दोलन है। इसका स्वरुप इतना व्यापक है कि संसार की कोई भी नीति इसके क्षेत्र से बाहर नहीं हो सकती। यह आन्दोलन सार्वभौमिक व सार्वदेशिक है। -योगिराज महर्षि अरविन्द घोष
१८.हमारे क्रान्तिकारी विचारों और मानसिक उन्नति के निर्माण में सबसे बडा हाथ आर्य समाज का ही है। -शहीदे आजम-सरदार भगत सिंह
१९.स्वतन्त्रता संग्राम में आर्य समाजियों का बडा हाथ रहा है। -वीर सावरकर
२०.आर्य समाज देश की एकता के लिए कार्य कर रहा है। -अनन्त शयनम अयंगर(पूर्व लोकसभा अध्यक्ष
२१.आर्य समाज के प्रति मेरी शुभ कामनाएं हैं।~श्रीमती एनी बेसेन्ट
२२.हिन्दू जाति का सुधार करने में आर्य समाज का बहुत बडा हाथ है।~सुभाष चन्द्र बोस
२३.गोरे भारत कदापि नहीं छोडते राजी-राजी।
अगर न देते सहयोग देश के आर्य समाजी।।~हास्य कवि:काका हाथरसी
२४.आर्य समाज वह अस्पताल है जिसमें रोगी व्यक्ति भर्ती होते हैं फिर इसमें से पारस मणि बनकर बिल्कुल स्वस्थ निकलते हैं।~महात्मा अमर स्वामी सरस्वती
२५.दुनिया के बिगडों हुओं को आर्य समाज सुधार सकता है परन्तु बिगडे हुए आर्य समाजी को कोई नहीं सुधार सकता।~महात्मा विक्रम वानप्रस्थ
२७.ऋषि दयानन्द ने जो आर्य समाज का कल्प व्रक्ष लगाया है वह मुरझाने न पाये।~स्वामी श्रद्धानन्द
२८.आर्य समाज न होता तो आजादी प्राप्त करना मुश्किल था।~अकबर अली(भूतपूर्व राज्यपाल)
२९.संसार के महापुरुषों ने हमें डूबने से बचाया।
परन्तु महर्षि दयानन्द ने हमें तैरना सिखाया।।~लाजपत राय अग्रवाल(वैदिक मिशनरी)
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