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इस धरती पर स्वर्ग बनाएं, आओ एक इतिहास रचाएं…

अमावस्या की गहन रात्रि में , आशाओं के दीप जलाकर ,
इस धरती पर स्वर्ग बनाएं , आओ एक इतिहास रचाएं ।

एक बालक को शिक्षित करके ,शिक्षा का एक दीप जलाकर ,
शिक्षित भारत देश बनाएं , आओ एक इतिहास रचाएं।

इस धरती पर वृक्ष लगाकर , इस माँ को गहने पहनाकर ,
प्रदुषण को दूर भगाएं , आओ एक इतिहास रचाएं।

युद्ध उन्मादी लोगों को भी , शान्ति का हम पाठ पढ़ाकर ,
विश्व विजय अभियान चलायें , आओ एक इतिहास रचाएं।

निस्वार्थ भाव से मानव सेवा , मानवता आधार बनाकर ,
दीन दुखी का दर्द मिटायें , आओ एक इतिहास रचाएं।

संस्कृति का सार जानकर , आयुर्वेद की बात मानकर ,
रोग मुक्त समाज बनाएं , आओ एक इतिहास रचाएं।

अब दमा दम का रोग नहीं है , पूर्व जन्मों का भोग नहीं है ,
दमा रोग को जड़ से मिटायें , आओ एक इतिहास रचाएं।

माँस -मदिरा ,क्रोध त्यागकर , तमस भाव को दूर भगाकर ,
दमा एलर्जी दूर भगाएं , आओ एक इतिहास रचाएं।

पथरी भी कोई रोग नहीं है , कुदरत का संयोग नहीं है ,
खान पान से इसे भगाएं , आओ एक इतिहास रचाएं।

मानव सेवा धर्म बनाएं , सात्विकता जीवन में लायें ,
जात पात का भेद मिटाकर , आओ एक इतिहास बनाएं।

दीपावली के पावन अवसर पर , धरती को रोशन करने को ,
नन्हे नन्हे दीप जलाएं , आओ एक इतिहास रचाएं।

शुभकामनाओं के आदान प्रदान में , उपहारों का बोझ घटाएं ,
मितव्यता का सन्देश फैलाकर ,आओ एक इतिहास रचाएं।

-डॉ अ कीर्तिवर्धन

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