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‘अद्यतन हिन्दी-कविता: नए सन्दर्भ’ का लोकार्पण

विश्व गायत्री परिवार, शांतिकुज, हरिद्वार के तŸवाधान में, भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा ;पश्चिमी दिल्लीद्ध की ओर से आर्य समाज, जनकपुरी के विशाल सभागार में लोकार्पण संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर डा. सुन्दरलाल कथूरिया जी की हाल ही में प्रकाशित पुस्तक ‘अद्यतन हिन्दी-कविता नए सन्दर्भ’ का लोकार्पण भी किया गया। महाकवि ‘निराला’ के बाद की हिन्दी कविता के नवीन प्रयोगों, अभिव्यक्ति कौशल, विसंगत परिवेश, युगीन आतंक -संत्रास-अपराध की प्रवृति, राजनीतिक छलन्छद्म, बढ़ती महंगाई आम आदमी की दुर्दशा, बिम्ब-प्रतीक-मिथक और बहु-आयामी काव्य-भाषा का विवेचन करने वाली इस पुस्तक का लोकार्पण आस्टन्न्ेलिया से आए वरिष्ठ साहित्यकार डा. देवराज पथिक, शिक्षा विभाग के उपनिदेशक श्री जंग बहादुर एवं वैदिक वैदिक विद्वान् आचार्य चन्द्रशेखर शास्त्री ने संयुक्त रुप से किया। विमोचन करत हुए डा. पथिक ने कहा कि काव्यालोचक प्रो. कथूरिया ने इस ग्रन्थ में समय की करवटों के साथ बदलती काव्य-चेतना और अद्यतन हिन्दी-कविता के नये संदर्भों की अच्छी पहचान और परख की है। निःसन्देह यह कृति समकालीन हिन्दी काव्य-समीक्षा के क्षेत्र में एक बड़े अभाव की पूर्ति करती है।