सत्ययोग आश्रम टन्न्स्ट द्वारा इंटिग्रेटेड एकाडमी ऑफ़ मैनेजमैंट टैक्नोलॉजी , गाजियाबाद में योग शिविर का सफल आयोजन किया गया। इस अवसर पर योगी डॉ. राज ने 120 प्रशिक्षुओं को सुक्ष्म अभ्यास कराते हुये सूर्य नमस्कार के साथ उत्तान पादासन, शलभासन, भुजंगासन, हलासन, नौकासन, आदि अभ्यासों को कराते हुये आसनों के द्वारा शरीर पर पडने वाले प्रभावों को बताते हुये कहा कि आसन जीवनदायी होते हैं तथा शारीरिक रोग मुक्ति का साधन हैं। डॉ . अग्निदेव शास्त्री ने प्राणायाम कराते हुये प्राणायाम के सूक्ष्म प्रभावों पर चर्चा करते हुए कहा कि प्राणायाम से मनुष्य तनाव मुक्त होता है। हमारे मनीषियो ने हजारों हजारों साल पहले स्वानुभूति के आधार पर बताया था कि योग-प्राणायाम रोगों को निर्मूल करके स्वास्थ्य को स्थिर रखने वाले साधन हैं।
श्री प्रवीण आर्य ने अपने सुमधुर संगीत ‘हिम्मत न हारिये प्रभु नाम विसारिये, हॅंसते मुस्कुराते हुये जिन्दगी गुजारिये’ के द्वारा निरंतर हॅंसते हुये जीवन जीने की प्रेरणा दी। डॉ. राकेश चावला ने इस तरह के योग शिविरों के निरंतर आयोजन पर बल दिया।