महर्षि दयानंद सरस्वती की 200 जन्म जयंती पर अवसर पर दुनिया भर में आर्य समाज से जुड़े संगठन के लोग उत्साहित है. उनके द्वारा खड़ी की गयी संस्था आर्य समाज अगले दो वर्षों तक उनकी 200 वीं जन्म जयंती मनाने जा रही है। जन्म जयंती के उपलक्ष्य में दो वर्षीय विश्वव्यापी आयोजनों का शुभारम्भ 12 फरवरी को इंदिरा गाँधी इनडोर स्टेडियम में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (narendra modi ) के कर कमलों से किया जायेगा। इसके लिए विश्व भर में आर्य समाज की समस्त संस्थाओं को लाइट तथा वैदिक ध्वज ओ३म से सजाया जा रहा है.
महर्षि दयानंद (Dayanand Saraswati) आर्य समाज के संस्थापक, आधुनिक भारत के महान चिंतक, समाज-सुधारक और देशभक्त थे. महर्षि दयानंद सरस्वती का जन्म (Maharishi Dayanand Saraswati Birthday) 12 फरवरी 1824 को गुजरात के टंकारा में हुआ था. मूल नक्षत्र में जन्म होने के कारण उनका नाम मूलशंकर रखा गया था. स्वामी दयानंद सरस्वती ने वेदों के प्रकांड विद्वान स्वामी विरजानंद जी से शिक्षा ग्रहण की थी. महर्षि दयानंद सरस्वती ने बाल विवाह, सती प्रथा जैसी कुरीतियों को दूर करने में अपना खास योगदान दिया है. उन्होंने वेदों को सर्वोच्च माना और वेदों का प्रमाण देते हुए हिंदू समाज में फैली कुरीतियों का विरोध किया.
महर्षि दयानंद सरस्वती (Maharishi Dayanand) निर्भय होकर समाज में व्यापत बुराईयों से लड़ते रहे और ‘संन्यासी योद्धा’ कहलाए. दयानंद सरस्वती ने 1875 में मुंबई में आर्य समाज की स्थापना की थी. आर्य समाज (Arya Samaj) के द्वारा ही उन्होंने बाल विवाह, सती प्रथा जैसी कुरीतियों को दूर करने और शिक्षा को बढ़ावा देने का काम किया.