हम सदा अभय रहें , हमारे में किसी प्रकार का उद्वेग न हो । हमारे यग्य में कभी रुकावट न आवे । हम सदा अपने ग्यान, अपनी भक्ति तथा अपने…
लोक हित के कमों से उन्नति सम्भव
संसार में हमारी जितनी भी क्रियाएं हैं , उन सब में हमारा द्रष्टीकोण ” प्राण शक्ति की रक्शा ,तीनों प्रकार के तापों से निव्रति तथा लोक हित होना चाहिये ।…