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इतीश्वरस्तुतिप्रार्थनोपासनाप्रकरणम

ओ३म् विश्वानि देव सवितर्दुरितानि परासुव। यद् भद्रं तन्न आसुव।।1।। *तू सर्वेश सकल सुखदाता शुद्धस्वरूप विधाता है।* *उसके कष्ट नष्ट हो जाते जो तेरे निज आता है।।* *सारे दुर्गुण, दुर्व्यसनों से…

महाप्रतिभा मंडित महापुरुष दयानंद

महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला उन्नीसवीं शताब्दी के परार्द्ध भारत के इतिहास का अपर स्वर्ण प्रभात है। कई पावन चरित्र महापुरुष अलग अलग उत्तरदायित्व लेकर इस समय इस पुण्य भूमि में…