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जरा ठहरो!

लेख प्रस्तुतिकर्ता- आचार्य नवीन केवली हे समाज को एक नयी दिशा दिलवाने वालो! जरा रुक जाओ! अभी सभी लोग सो रहे हैं तो इन्हें मत जगाओ, सोने ही दो। लम्बे…

एक निवेदन

लेख प्रस्तुति-कर्ता – आचार्य नवीन केवली हे समग्र-विश्वब्रह्माण्ड के रचयिता! हे सम्पूर्ण सृष्टि के नियामक दयामय मघवन्! आपकी यह सृष्टि तो बहुत ही व्यापक व विशाल है, एक ही आकाश-गंगा में…