पति-पत्नि दोनों ही सपत्नक्षित अर्थात् शत्रुओं का नाश करने वाले बनें। कभी तैश या गुस्से में न आवें। इससे घर स्वर्ग बन जाता है। इस बात को यजुर्वेद अध्याय १…
हमारी पूर्ण बुद्धि हमें विनाश से बचावे
हमारी बुद्धि सदा पर्वती हो- अर्थात् हमारी बुद्धि सदा हमारी मनोकमनाओं को पूर्ण करने वाली हो। बुद्धि मानव को विनाश से बचाती है। इसलिए यह बुद्धि हमें विनाश के मार्ग…