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हिन्दू धर्मरक्षक महाराजा सूरजमल के बलिदान की अमर गाथा

“दिल्ली के बादशाह नवाब नजीबुद्दौला के दरबार में एक सुखपाल नाम का ब्राह्मण काम करता था। एक दिन उसकी लड़की अपने पिता को खाना देने महल में चली गयी। मुग़ल…

यही सवाल तो स्वामी दयानन्द जी ने भी पूछा था!

अगस्त 2013 नोएडा के कादलपुर गांव में एक मस्जिद की दीवार गिराने के आरोप में एक महिला एएसडीएम दुर्गा शक्ति नागपाल को निलंबित किया गया था। कारण दुर्गा नागपाल ने…

यूरोप का भव्य भ्रम

जब कोई इन्सान कमजोर होने के बावजूद जब खुद को ताकतवर समझने लगे तो मनोविज्ञान में इसे भव्य भ्रम का शिकार कहा जाता है। एक ऐसे ही रोग का शिकार…

क्या ऋषियों की भाषा कठिन होती है ?-

हम सभी प्राणियों का लक्ष्य (प्रयोजन) एक ही है। हम सब एक ही प्रयोजन से प्रेरित होकर समस्त क्रियाओं को करते हैं और वह है दुःख निवृत्ति और सुख प्राप्ति।…

बुद्ध मत बनाम वैदिक धर्म

डॉ विवेक आर्य फेसबुक पर एक नवबौद्ध उछलता हुआ बोला। बुद्ध मत वैदिक धर्म से श्रेष्ठ है।  महात्मा बुद्ध अहिंसा में विश्वास रखते थे। उन्होंने कभी कोई युद्ध नहीं किया। …