किसी के पूछने पर जब हम स्वयं को आर्य समाजी कहते हैं तो वह हमें प्रचलित अनेक मतों व धर्मों में से एक विशिष्ट मत या धर्म का व्यक्ति समझता…
महर्षि दयानन्द के सत्यार्थ प्रकाश आदि ग्रन्थ आध्यात्मिक व सामाजिक
महर्षि दयानन्द सरस्वती ने सच्चे शिव की खोज में 18 वर्ष की अवस्था में अपने घर व परिवार का परित्याग किया। घर पर रहकर वह अपना उद्देश्य पूरा नहीं कर…
महर्षि दयानन्द जन्मोत्सव और राष्ट्रापति डॉ. शंकर दयाल शर्मा का भाषण
डॉ. शंकर दयाल शर्मा हमारे देश के अग्रणी चिंतक और महान् समाज-सुधारक महर्षि दयानन्द सरस्वती के जन्म-दिन पर आयोजित इस समारोह में उपस्थित होकर मुझे प्रसन्नता हो रही है।…
समाजसेवा का कार्य करके करें-आर्य समाज का प्रचार-प्रसार
सेवा कार्य सबसे कठिन कार्य होता है। कहते हैं-बिना सेवा के मेवा नहीं मिलती। करो सेवा पाओ मेवा। महर्षि मनु ने भी कहा है- अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोप सेविन:। चत्वारि…
होली का पर्व और वैदिक धर्म’
फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाये जाने वाले पर्व होली का प्राचीन नाम ‘‘वासन्ती नवसस्येष्टि’’ है। यह उत्सव-पर्व वसन्त ऋतु के आगमन पर मनाया जाता है। चैत्र कृष्ण पक्ष की…