लेख प्रस्तुति कर्ता – आचार्य नवीन केवली हम सब प्रायः संसार की समस्याओं के थपेड़ों से परेशान हो कर अपनी आन्तरिक शान्ति के लिए वा वास्तविक सुख के लिए कभी…
आत्मा और परमात्मा
वैदिक सिद्धान्त के अनुसार तीन सत्तायें नित्य स्वीकार की गयी हैं। ईश्वर, आत्मा और प्रकृति। इनमें ईश्वर और आत्मा चेतन हैं, जबकि प्रकृति जड़ है। इन तीनों में कुछ समानतायें…
आ गया 2018 अन्धविश्वास निरोधक वर्ष
‘‘बता तू कौन है, वरना तुझे जला कर भस्म कर दूंगा?’’ ओझा ने महिला की चोटी पकड़ कर जब उस से पूछा, तो वह दर्द के मारे चीख पड़ी, ‘‘बाबा,…
समझिये ये भी तो धर्म पर ही हमला है
क्या ऋषि मुनियों की पावन भारत भूमि अब तथाकथित बाबाओं के अय्याशी के अड्डे बनकर रह जाएगी? सवाल सिर्फ मेरा नहीं बल्कि करोड़ों लोगों का है, कि आखिर क्यों ऋषि-मुनियों…