आर्यसमाज 15 हनुमान रोड़ नई दिल्ली का 91वा वार्षिकोत्सव ऋग्वेदीय पारायण यज्ञ के साथ दिनांक 15 से 20 अक्तूबर 2013 तक आचार्य धर्मन्द्र कुमार शास्त्री जी के ब्र२त्व में सोल्लासपूर्वक सम्पन्न हुआ। ऋत्विक डा. कर्णदेव शास्त्री थे। वेदपाठ गुरुकुल गौतम नगर दिल्ली के ब्र२चारियों द्वारा किया जाता रहा। भजन श्रीमती सुदेश आर्या के हुए। वेद क्यों पढने चाहिए? ईश्वर की उपासना कब-क्यों-कैसे करनी चाहिए? हमारा गृहस्थ सुखी कैसे रहे तथा सन्तान का चरित्र निर्माण कैसे हो आदि विषयों पर डा. धर्मेन्द्र कुमार शास्त्री जी के सारगर्भित प्रवचन हुए।15 अक्टूबर को स्त्री समाज का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। 19 अक्टूबर को रत्नलाल सहदेव स्मारक भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसका विषय था- वैदिक धर्म की विशेषताएं। प्रथम स्थान डी.ए.वी. स्कूल रोहिणी के अभिषेक, द्वितीय स्थान कन्या गुरुकुल नरेला की छात्रा कु. अनु एवं तृतीय स्थान कन्या गुरुकुल राजेन्द्र नगर की छात्रा कुमारी राधिका ने प्राप्त किया। प्रतियोगिता की अध्यक्षता डा. धर्मेन्द्र कुमार शास्त्री जी ने की। 20 अक्टूबर को पांच कुण्डीय यज्ञों के साथ पूर्णाहुति हुई। तदुपरान्त श्री अशोक उकरानी ने सामाजिक उत्थान में आर्यसमाज की भूमिका विषय पर व्याख्यान दिया।
डा. धर्मेन्द्र कुमार शास्त्री जी ने मानव निमार्ण की रुपरेखा पर महर्षि दयानन्द एवं वेदानुसार मानव का निर्माण हो विषय पर विचार व्यक्त किए। तदुपरान्त इसके बाद आचार्य अखिलेश भारती जी ने ईश्वर की उपासना क्यों करनी चाहिए विषय पर प्रभावशाली प्रवचन दिया।
इस अवसर पर पंचमहायज्ञवाणी पुस्तक का भी विमोचन किया गया।