Tekken 3: Embark on the Free PC Combat Adventure

Tekken 3 entices with a complimentary PC gaming journey. Delve into legendary clashes, navigate varied modes, and experience the tale that sculpted fighting game lore!

Tekken 3

Categories

Posts

स्वामी श्रद्धानन्द जी से प्रेरित आचार्य रामदेव जी द्वारा स्थापित कन्या गुरुकुल महाविद्यालय, देहरादून

कन्या गुरुकुल महाविद्यालय देहरादून का 90वां वार्षिकोत्सव उत्साह पूर्वक सम्पन्न

दिल्ली, हरियाणा के आर्यजनों सहित सैंकड़ो महानुभावों ने शीत के बावजूद उत्साहपूर्वक भाग लिया

गुरुकुल की वर्तमान अवस्था को देखकर मन दुःखी है परमात्मा के आशीर्वाद से सुधार करने का हर प्रयास करेंग

– महाशय धर्मपाल (प्रधान, आर्य विद्या सभा गुरुकुल कांगड़ी)

90 वर्ष पुराने गुरुकुल के गौरवमयी इतिहास को लौटाने क लिए आर्यजनों को कमर कसनी होगी

– डा. राम प्रकाश (कुलाधिपति, गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय)

 

प्राचीन भारतीय संस्कृति के आधार स्तम्भ ‘गुरुकुल’ जहां सबको चाहे कोई राजा, साहूकार या निर्दन दरिद्र की सन्तान हो बिना किसी भेद-भाव के तुल्य वस्त्र, खानपान, आसन एवं एक समान शिक्षा प्राप्त हो, फिर चाहे वह बालक हो या बालिका। शिक्षा भी ऐसी जिसमें उत्तम संस्कारों का समावेश हो, धर्म-कर्म एवं राजनीति का समावेश हो, परोपकार की भावना हो, मानव मात्र को कुटुम्ब समझते हुए समाज कल्याण की भावना हो, वसुधेव  कुटुम्बकम हो।

कुछ ऐसे विचारों से प्रेरित महर्षि दयानन्द सरस्वती जी ने भारत भर में स्थान-स्थान पर पाठशालाओं एवं आर्य समाज श्रेष्ठ लोगों का समाज की स्थापना भी गुरुकुल खोलने का निश्चय किया। स्वामी श्रह्ानन्द जी ;महात्मा मुंशीरामद्ध जी के से प्रेरित एवं उन्हीं के गुरुकुल के स्नातक आचार्य रामदेव जी ने देहरादून में कन्या गुरुकुल की स्थापना की। हांलांकि इससे तीन वर्ष पूर्व वर्ष 8 नवम्बर 1923 में दिल्ली में इसकी स्थापना हो चुकी थी, वर्ष 1927 में इसे देहरादून में स्थानांतरित किया गया। तभी से यह कन्या गुरुकुल यहां पल्लवित-पुष्पित हो रहा है। इस गुरुकुल ने अनेक कीर्तिमान स्थापित किए हैं। प्रथम कक्षा से विद्यालंकार तक शिक्षा यहां प्रदान की जाती है। यह महाविद्यालय गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार के अन्तर्गत ही है। गुरुकुल की प्रथम आचार्या विद्यावती सेठ ने अपना सम्पूर्ण यौवन इसके निर्माण में लगा दिया। वर्ष 1953 से 2010 तक आचार्या रामदेव जी की सुपत्री श्रीमती दमयन्ती कपूर ने इसके आचार्य पद के कार्यभार को संभाला तथा वर्तमान उन्नत अवस्था तक पहुंचाया। वर्तमान में आचार्य रामदेव जी की दोहित्री (आचार्या दम्यन्ती कपूर की सुपुत्री) श्रीमती सविता आनन्द जी इस गुरुकुल की आचार्या हैं। इस कालान्तर में गुरुकुल का स्वर्णिम काल धूमिल सा पड़ने लगा।

आज 90 वर्ष बाद पुनः आर्यजनों का काफिला देहरादून की ओर अग्रसर होने लगा। अवसर था आर्य कन्या गुरुकुल महाविद्यालय देहरादून का 90वां वार्षिकोत्सव। दिल्ली से चार बसें, हरियाणा से चार बसें तथा बीसियों निजी वाहनों में सैंकड़ों की की संख्या में आर्यजन वार्षिकोत्सव में भाग लेने के लिए पहुँचे। आर्य प्रतिनिधि सभा दिल्ली एवं आर्य प्रतिनिधि सभा हरियाणा की ओर से बसों की व्यवस्था की गई थी तीन दिनो का कार्यक्रम बनाया गया 22 को देहरादून गुरुकुल का 90वां वार्षिकोत्सव एवं 23 को हरिद्वार में स्वामी श्रद्धानन्द बलिदान दिवस समारोह।

सर्दी का मौसम, शीत लहर और उळपर से बरसात किन्तु आर्यजनों का उत्साह कम नहीं हुआ। कार्यक्रम को खुले मैदान के स्थान पर हाल में करना पड़ा।

कार्यक्रम का प्रारम्भ यज्ञ से हुआ। यज्ञोपरान्त गुरुकुल की कन्याओं द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई जिसमें वैदिक वन्दना, वैदिक मन्त्रों पर नृत्य, नारी शक्ति की महिमा को प्रस्तुत करने वाले सांकेतिक गान, संस्कृत नाटक तथा मारवाड़ी नृत्य किए गए।

समस्त कार्यक्रम का संचालन दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा के महामन्त्री श्री विनय आर्य जी ने किया। कन्या गुरुकुल महाविद्यालय में प्रथम बार पधारने पर आर्य विद्या सभा गुरुकुल कांगड़ी के नव नियुक्त प्रधान  महाशय धर्मपाल जी एवं गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति वैदिक विद्वान् डा. रामप्रकाश जी को सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया।

मंच संचालन करते हुए श्री विनय आर्य जी ने गुरुकुल के इतिहास एवं वर्तमान स्थिति को आर्यजनों को सम्मुख स्तुत किया। उन्होंने कहा कि गुरुकुल वर्तमान में आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। उन्होंने उपस्थित महानुभावों से दिलखोलकर इस हेतु दान देने की अपील की। उनकी इस अपील पर आर्यजनो ने बड़ी धनराशि सहयोग देने के आश्वासन दिए।

समारोह के मुख्य अतिथि महाशय धर्मपाल जी ने कहा कि यह गुरुकुल महाविद्यालय आर्य विद्या सभा द्वारा संचालित होता है किन्तु गुरुकुल की वर्तमान वस्था को देखकर मन दुःखी है। परमात्मा के आशीर्वाद से इसकी स्थिति को सुधारने का हर सम्भव प्रयास करेंगे। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि एम.डी.एच. की ओर से एक करोड़ रुपये की लागत से छात्रावास एवं विद्यालय का निर्माण किया जाएगा।

समारोह के अध्यक्ष एवं गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डा. रामप्रकाश जी ने कहा कि हम सबको कन्या गुरुकुल महाविद्यालय के 90 वर्ष पुराने गौरवमयी इतिहास को लौटाने के लिए आर्यजनों को कमर कसनी होगी।

कुलपति डा. सुरेन्द्र कुमार जी ने कहा कि लम्बे समय से कन्या गुरुकुल की भूमि पर इस प्रकार के आयोजन का इंतजार रहा , जो आज आपकी उपस्थिति से सम्भव हो सका है। हमें आशा है कि आपके सहयोेग से गुरुकुल पुनः अपने स्वर्णिम अतीत को प्राप्त कर सकेगा।

आर्य विद्या सभा के कोषाध्यक्ष एवं दिल्ली सभा के वरिष्ठ उप प्रधान श्री धर्मपाल आर्य जी ने कहा 11 लाख रुपये की लागत से लाला दीपचन्द आर्य की स्मृति में गौशाला का निर्माण किया जाएगा, जिससे कन्याआंे के लिए दुग्धादि की समस्या न रहे।

मुख्याधिस्थाना आचार्य यशपाल जी ने निर्माण की घोषणा करने के लिए महाशय धर्मपाल जी एवं श्री धर्मपाल आर्य जी का धन्यवाद करते हुए कहा कि कन्या गुरुकुल में पिछले 50 वर्ष से कोई निर्माण कार्य नहीं हो सका है, यह निर्माण की भी स्वर्ण जयन्ती होगी।

दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान ब्र. राजसिंह आर्य ने कहा कि दिल्ली की आर्यसमाजें अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए पूरी तरह तत्पर हैं। उन्होंने अपने माध्यम से कन्या गुरुकुल हेतु एक वर्ष का चावल ;8000किलोद्ध भी प्रदान कराने का आश्वासन दिया।

आर्य प्रतिनिधि सभा हरयाणा के प्रधान आचार्य विजयपाल जी ने कहा कि कन्या गुरुकुल हमारा अपना गुरुकुल है इसके उत्थान के लिए हरियाणा प्रान्त पूरा योगदान करेगा किन्तु गुरुकुल डेढ़ करोड़ के घाटे में क्यों और कैसे पहुंचा इसकी जांच की जानी चाहिए।

गुरुकुल की आचार्या डा. सविता आनन्द जी ने कहा कि आर्यजनों के इस उत्साह को देखकर गुरुकुल परिवार में उत्साह की लहर हुई है। आशा है आर्य विद्या सभा एवं गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के नवीन पदाधिकारी के

निर्देशन में हमारा महाविद्यालय पुनः बुलन्दियों को छूएगा।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *