बलिदान विशेष ‘बिस्मिल’ से मिलने गोरखपुर जेल पहुंचीं उनकी मां ने डबडबाई आंखें देखकर उनसे पूछा था, ‘तुझे रोकर ही फांसी चढ़ना था तो क्रांति की राह क्यों चुनी?’ 1897…
बलिदान विशेष ‘बिस्मिल’ से मिलने गोरखपुर जेल पहुंचीं उनकी मां ने डबडबाई आंखें देखकर उनसे पूछा था, ‘तुझे रोकर ही फांसी चढ़ना था तो क्रांति की राह क्यों चुनी?’ 1897…