सारी दुनिया से न तो महर्षि का परिचय हुआ, ना ही महर्षि के उद्देश्यों को वे समझ सके इसलिए ऐसे अपरिचित व्यक्तियों के संबंध में तो सोचना भी क्या ?…
सारी दुनिया से न तो महर्षि का परिचय हुआ, ना ही महर्षि के उद्देश्यों को वे समझ सके इसलिए ऐसे अपरिचित व्यक्तियों के संबंध में तो सोचना भी क्या ?…