कोटा, 24 जून। ईश्वर की भक्ति त्रिविध दुखों से मुक्ति दिलाती है। आधि दैविक, आधि भौतिक और आध्यात्मिक तीन प्रकार से मिलने वाले दुखों को दूर करने का एकमात्र उपाय…
ईश्वर के नाम पर भिन्नता और विवाद क्यों?
स्वामी स्वरूपानन्दजी का षिरडी के सांई बाबा को लेकर एक बयान इन दिनों चर्चा में है। उन्होंने षिरडी के सांई बाबा को ईष्वर न मानने और उनका मन्दिर न बनाने…
ईश्वर की स्तुति प्रार्थना और उपासना क्यों करनी चाहिए?
बरेली प्रवास के समय पादरी स्कॉट एवं स्वामी दयानंद के मध्य क्या ईश्वर पाप क्षमा करते है? विषय पर शास्त्रार्थ हुआ। स्वामी जी ने अपने तर्कों से पापों का क्षमा…
त्रैतवाद अर्थात ईश्वर, जीव और प्रकृति में सम्बन्ध
एक माली ने बहुत सुंदर बाग लगाया। एक युवक सुन्दर कपड़े पहने हुए माली से बाग देखने की इच्छा प्रकट करता हैं। माली एक शर्त पर की आप कोई भी…
किस प्रभु की उपासना करें हम
प्रभु हमारे गन्तव्य है , प्रभु की प्राप्ति ही हमारा अन्तिम लक्श्य है। इस गन्तव्य को , इस लक्शय को हम अपना ग्यान बदाकर तथा प्रजा का पालन करने से…