आजीविका के लिए कोई साधन नहीं है। ना पहचान ना घर बंजारों समेत करीब 300 जातियों जन जातियों के माथे पर आज भी लिखा हुआ है “तेरी जात चोर है”…
आजीविका के लिए कोई साधन नहीं है। ना पहचान ना घर बंजारों समेत करीब 300 जातियों जन जातियों के माथे पर आज भी लिखा हुआ है “तेरी जात चोर है”…