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सुखों की वर्षा करने वाले

वृषा यज्ञो वृषणः सन्तु यज्ञिया वृषणो देवा वृषणो हविष्कृतः। वृषणा धावापृथिवी ऋतावरी वृषा पर्जन्यो वृषणो वृषस्तुभः।। ऋग्वेद 10/66/6   अर्थ-(यज्ञः वृशा) यज्ञरूप परमात्मा सुख वर्शक हो (यज्ञिया वृशणः सन्तु) उसके…