यूरोप का विघटन शुरू हो गया ब्रिटेन के बाद जनमत संग्रह कराकर लन्दन को भी अलग देश बनाकर पाकिस्तानी मूल के सादिक खान को राष्ट्रपति बनाने की मांग जोर शोर…
‘खतरा मुसलमानों से नहीं, ब्राह्मणों से है’ हंसानन्द
भारत को आजाद हुए चाहे 68 साल बीतचुके हैं लेकिन अभी भी यह देश जातिवादजैसी सामाजिक बुराइओं से जूझ रहा है। पंजाब के शहर फगवाड़ा में तोइसजातिवाद का जहर मरने…
क्या सैनिक सिर्फ मरने के लिए होते है?
एक बार फिर कश्मीर राजनीति का अखाडा बनता जा रहा है| फिर से तमाम तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दल राजनीति की भट्टी में कश्मीर का भविष्य झोंकते से नजर आ रहे है|…
क्या लेकर आये थे क्या लेकर जाओंगे?
हम सब लम्बे समय से सुनते आये है कि क्या लेकर आये थे क्या लेकर जाओंगे किन्तु बहुत कम लोग देखे सुने जिन्होंने इस वाक्य को जीवन में उतारा और…
मानवाधिकार आयोग मर गया!!
हमारे देश में जरा- जरा सी बात पर अक्सर लोकतंत्र की हत्या होने का राग अलापा जाता है, मानवाधिकार आयोग सकते में आ जाते है| रोहित वेमुला आत्महत्या, और अख़लाक़,…