ऋषि दयानन्द (1825-1883) को सारा संसार जानता है। सभी मत-मतान्तरों के आचार्य भी उन्हें व उनके बनाये सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ को जानते हैं। उन्होंने धार्मिक जगत में ऐसी क्रान्ति की जिसने…
आदर्श गुरु स्वामी विरजानन्द और आदर्श शिष्य स्वामी दयानन्द
आदर्श मनुष्य का निर्माण आदर्श माता, पिता और आचार्य करते हैं। ऋषि दयानन्द ने लिखा है कि वह सन्तान भाग्यशाली होती है जिसके माता, पिता और आचार्य धार्मिक होते हैं।…
मनुष्य जन्म जीवात्मा के अन्य योनियों में जन्म लेने से अधिक उत्तम
हम मनुष्य हैं। संसार में दो पैर वाले प्राणी जिनके दो हाथ हैं और जिनके पास बुद्धि व बोलने के भाषा आदि साधन हैं, वह मनुष्य कहलाते हैं। मनुष्य आकृति…
चिंता दलितों की है या वोटों की
अक्सर राजनेताओं का दलित प्रेम तभी जागता है जब चुनाव नजदीक हों. लेकिन हकीकत ये है कि ये सियासी लोग दलितों की वोट तो चाहते हैं लेकिन उनकी चिंता नहीं…
ईश्वर के गुण
(1) वह चेतन दिव्य शक्ति परमेश्वर एक ही है। अर्थात् कोई दूसरा उसके तुल्य अधिक वा तुल्य नहीं, अकेला अर्थात् उससे भिन्न न कोई दूसरा न तीसरा है, अनेक नहीं।…