हमारी सदा ही यह इच्छा रही है कि हम उस पिता को , उस प्रभु को प्राप्त करें किन्तु कैसे? इस निमित्त हम अपनी अन्दर की वासनाओं का नाश करें।…
दलितों के बौद्ध बनने से क्या होगा?
अप्रैल महीने की 29 तारीख शायद धर्म में डुबकियाँ लगाने का दिन था। खबर ही ऐसी थी कि गुजरात के उना में करीब 450 दलितों ने धर्म परिवर्तन कर लिया।…
जिन्ना अब तो भारत छोड़ो
जिन्ना को मजहब चाहिए था हमें राष्ट्र, जो जिन्ना कहता था कि हिन्दू-मुस्लिम कभी भाई-भाई नहीं हो सकते वह जिन्ना इस देश की विरासत क्यों? क्या अब जिन्ना को उसी…
ऋषि दयानन्द के आठ नाम
लेखक डाॅ0 भवानीलाल जी भारतीय आप लेख का शीर्षक देखकर आश्चर्य करेंगे ! क्या सचमुच ऋषि दयानन्द के आठ नाम थे? मेरा उत्तर है-हाँ। जब करसन जी तिवारी के यहाँ…
सन्ध्या वा ईश्वरोपासना क्यों करें?”
सन्ध्या भली भांति ईश्वर का ध्यान करने को कहते हैं। यही ईश्वर की पूजा कहलाती है। इससे भिन्न प्रकार से यदि ईश्वर की पूजा आदि करते हैं तो जो लाभ…