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क्या ऋषियों की भाषा कठिन होती है ?

लेख प्रस्तुति कर्ता – आचार्य नवीन केवली  हम सभी प्राणियों का लक्ष्य ( प्रयोजन) एक ही है। हम सब एक ही प्रयोजन से प्रेरित हो कर समस्त क्रियाओं को करते…

स्वार्थ में भगवाकरण का फैलाया भ्रम

पिछले 2 दषकों से भगवाकरण भगवाकरण का प्रचार कर एक इसे साम्प्रदायिक शब्द बनाया जा रहा हैं। यह अनैतिक और अप्रासगिंक टिप्पणी निज स्वार्थ में साम्प्रदायिक या राजनैतिक लाभ की…

नान्य: पन्था अर्थात इसके भिन्न अन्य कोई मार्ग नहीं है।

डॉ विवेक आर्य कल मुझे एक अलग अनुभव देखने को मिला। मेरे क्लिनिक पर एक मेरा परिचित अपने बच्चे को दिखाने आया। मैंने बीमारी के लक्षण देखकर उन्हें दवाई दे…