उतर प्रदेश के कस्बा बैलौन जिला बुलन्द्शहर में सम्वत १९३१ विक्रमी को श्री हेम राज बैद्य जी के यहां जिस बालक का जन्म हुआ , उस बालक का नाम गंगादत…
वीतराग स्वामी सर्वदानन्द
आर्य समाज ने अनेक त्यागी तपस्वी साधू सन्त पैदा किये हैं । एसे ही संन्यासियों में वीतराग स्वामी सर्वदानन्द सरस्वती जी भी एक थे । आप का जन्म भारत के…
प्रभु उपसना से हम पवित्र बनें
मानव विनाशक व्रतियों क दस बन जाआ है किन्तु मन्त्र इन व्रतियों से बचने कई प्रार्थना करते हुए पिता से प्रर्थना करता है कि हम एसी प्रव्रतियों क नश कर…
तप से मेरा ह्रदय विशाल हो
मैं अपनी रक्शसी अदतों को छोडकर दनशील बनूं । सदा तप करता रहूं तथा इस तप से अपनी इन बुराईयोण को जला कर राख कर अपने ह्रदय को विशाल करुं…
सोम से हम स्वस्थ हो छोटे प्रभु बनते हैं
सम्पूर्ण जीवन वेदवाणी के विचार का विषय है तथा वह कर्म व पुरुषार्थ प्रधान है । हमें ग्यान देती है । सोम से हम छोटे प्रभु का रुप लेते हैं,…