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श्रद्धानंद महान – ग्यारह दोहे

ऋषिवर के पीछे हुए, श्रद्धानन्द महान। युगों-युगों तक कर रहा, जग उनका गुणगान।।1।। जीवन में जो कुछ किया,श्रद्धा उसका मूल। उत्तरार्द्ध उत्कर्ष कर, की न पुनः भूल।।2।। सेवा-व्रत जो है…

हिन्दू राष्ट्र मन्दिर के उद्घोषक – स्वामी श्रद्धानन्द

संसार के महा पुरुषों को दो श्रेणी में बांटा जा सकता है। एक तो वे जिनका जीवन प्रारम्भ से अन्त तक निष्कलंक रहा और दूसरे वे जिनके प्रारम्भिक जीवन में…

सत्य, न्याय एवं वेद के आग्रही महर्षि दयानन्द सरस्वती

महर्षि दयानंद का जन्म फाल्गुनी कृष्ण दशमी सं १८८१ विक्रमी सन  १८२७ ई ण् को सौराष्ट ;गुजरात द्ध टंकारा ए मौरवी में हुआ था ण् इनके पिताजी कृष्णजी तिवारी औदिचय…

सूर्योदय होने पर यज्ञ करें

अर्थ -(मातरिशवन ) वायुवत गमनागमन करने वाले जीवात्मन् (यावत मात्रम ) जितने काल तक (उषस: प्रतीकम) उषा देवी का दर्शन होवे और (सुपर्णय: वसते) उड़ने वाले पक्षी उसके मुख को…