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महर्षि दयानन्द की जरूरत क्यों?

आज से लगभग ढाई हजार वर्ष पूर्व गौतम बुद्ध( बचपन का नाम सुद्धार्थ) इस धरा पर हुए। उनका हृदय करुणा और मानव मात्रा के प्रति प्रेम से भरा हुआ था।…

महर्षि दयानन्द सस्वती की दिव्य दृष्टि

पशु केवल नेत्रों से देखता है-पश्यतीति पशुः। वह विचार नहीं कर सकता। मनुष्य विचारपूर्वक देखता है तथा करता है-मत्वा कर्माणि सीव्यति’ ऋषि बिना नेत्रों के ही अत्रः प्रज्ञा से देखता…

स्वामी श्रद्धानन्द जी से प्रेरित आचार्य रामदेव जी द्वारा स्थापित कन्या गुरुकुल महाविद्यालय, देहरादून

कन्या गुरुकुल महाविद्यालय देहरादून का 90वां वार्षिकोत्सव उत्साह पूर्वक सम्पन्न दिल्ली, हरियाणा के आर्यजनों सहित सैंकड़ो महानुभावों ने शीत के बावजूद उत्साहपूर्वक भाग लिया गुरुकुल की वर्तमान अवस्था को देखकर…

श्रद्धानंद महान – ग्यारह दोहे

ऋषिवर के पीछे हुए, श्रद्धानन्द महान। युगों-युगों तक कर रहा, जग उनका गुणगान।।1।। जीवन में जो कुछ किया,श्रद्धा उसका मूल। उत्तरार्द्ध उत्कर्ष कर, की न पुनः भूल।।2।। सेवा-व्रत जो है…