किसी के पूछने पर जब हम स्वयं को आर्य समाजी कहते हैं तो वह हमें प्रचलित अनेक मतों व धर्मों में से एक विशिष्ट मत या धर्म का व्यक्ति समझता…
महर्षि दयानन्द के सत्यार्थ प्रकाश आदि ग्रन्थ आध्यात्मिक व सामाजिक
महर्षि दयानन्द सरस्वती ने सच्चे शिव की खोज में 18 वर्ष की अवस्था में अपने घर व परिवार का परित्याग किया। घर पर रहकर वह अपना उद्देश्य पूरा नहीं कर…
अज्ञानियों की दुर्गति
इमे ये नार्वाड्.न परश्चरन्ति न ब्राहाणसो सुतेकरासः। त एते वाचमभिपध पापया सिरीस्तन्त्रं तन्वते अप्रजज्ञयः।। ऋग्वेद 10/71/9 अर्थ -(इमे ये ) ये जो अविद्वान (अवार्डन न ) न तो इस…
होली का पर्व और वैदिक धर्म’
फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाये जाने वाले पर्व होली का प्राचीन नाम ‘‘वासन्ती नवसस्येष्टि’’ है। यह उत्सव-पर्व वसन्त ऋतु के आगमन पर मनाया जाता है। चैत्र कृष्ण पक्ष की…
मन्त्रहीन यज्ञ निष्फल
अर्थ – हे परमात्मा (नः) हमारे (वृजिना) छोड़ने योग्य पापों को (शिशीही) क्षीण कीजिये। हम (ऋचा) मन्त्रो के उपदेश से (अनृच:) जो वेद से अनभिज्ञ है, उन्हें सम्पर्क में लायें।…