शब्द में अपार शक्ति होती है। शब्द अक्षर से बनता है और अक्षर का अर्थ ही होता है जिसका क्षय या क्षरण न हो। मुंह से निकली बात सबसे दूर…
अयंत इध्म आत्मा एवं उद्बुध्यस्वाग्ने- यज्ञ का आध्यात्मिक पक्ष
यज्ञ एक बहुत विशाल एवं विस्तृत अर्थ वाला शब्द हैं मुझे जब कभी भी किसी आर्य समाज, संस्था या सभा में आमंत्रित किया जाता है तो प्रायः यह अपेक्षा की…
बीसवीं शताब्दी का प्रथम शहीद ‘खुदीराम बोस’
‘‘एक बार विदाय दे मां धुरे आसि-हांसि-हांसि पोरबो फांसी देखिबे भारतवासी।’’ भारतवासी खुदीराम बोस के बलिदान पर गाये जानो वाले इस गीत की पंक्तियां आज भी बंगाल के घर-घर में…
क्यूँ हमारा जन्म होता है और क्यूँ मृत्यु?
पता नहीं क्यूँ उसका जन्म हुआ था और क्यूँ मृत्यु! जन्म का कारण मैं नहीं जानता तो आज मृत्यु का कारण क्यूँ पूछूँ? लोग तरह -तरह की बातें कर रहे…
जाति व्यवस्था समाज में एक अभिशाप है.
दुनिया का इक रंगी आलम आम था पहले एक कौम थी जिसका नाम इन्सान था. किन्तु आज लगता है जैसे जितने इन्सान उतनी कौमे! हर कोई अपनी-अपनी कौम लिए बैठा…