वृषा यज्ञो वृषणः सन्तु यज्ञिया वृषणो देवा वृषणो हविष्कृतः। वृषणा धावापृथिवी ऋतावरी वृषा पर्जन्यो वृषणो वृषस्तुभः।। ऋग्वेद 10/66/6 अर्थ-(यज्ञः वृशा) यज्ञरूप परमात्मा सुख वर्शक हो (यज्ञिया वृशणः सन्तु) उसके…
वैदिक नवरात्री
आज प्रात: काल मेरे मित्र अरुण जी ने एक बढ़िया प्रश्न मुझसे किया की नवरात्रों को वैदिक दृष्टीकौन से कैसे बनाये। मैंने उत्तर दिया की वैदिक संस्कृति में नवरात्रे वर्ष…
ग्यान से मानव क्रियमान बनता है
हम सदा अभय रहें , हमारे में किसी प्रकार का उद्वेग न हो । हमारे यग्य में कभी रुकावट न आवे । हम सदा अपने ग्यान, अपनी भक्ति तथा अपने…
पुराणों के कृष्ण बनाम महाभारत के कृष्ण
कृष्ण जन्माष्टमी पर सभी हिन्दू धर्म को मानने वाले भगवान श्री कृष्ण जी महाराज को याद करते हैं. कुछ उन्हें गीता का ज्ञान देने के लिए याद करते हैं कुछ…
Why I should believe in the existence of God?
More and more people are asking why I should believe in the existence of god. This question about the creator might be as old as the creation itself. A believer…